समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी। इस समय समाज में ‘विधवा विवाह’, ‘नियोग प्रथा’ तथा ‘पुनर्विवाह’ का प्रचलन था लेकिन ‘पर्दा प्रथा’, ‘बाल-विवाह’ तथा ‘सती-प्रथा’ प्रचलित नहीं थी। मध्य भारत में भागवत धर्म विकसित होने का प्रमाण यवन राजदूत ‘होलियोडोरस’ के वेसनगर (विदिशा) के गरुड़ स्तम्भ लेख से प्राप्त https://lanepnplp.sasugawiki.com/7262222/fascination_about_म_ब_इल_स_घर_ब_ठ_प_स_क_स_कम_ए
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